विमान से उड़ने का सपना कौन नहीं देखता लेकिन एक शख्स ऐसा भी हुआ जिसने चिड़ियों की तरह उड़ने की कोशिश की। यह वाकया किसी परीकथा का नहीं है। ये हकीकत शायद बहुत से लोगो को हजम न हो लेकिन हकीकत तो हकीकत होती है । हकीकत अपने आप को मनवा कर रहती है लाख झूठ चाहें ऊंची आवाज में क्यों न बोले जाए लेकिन हकीकत को बदला नही जा सकता ।
अगर आप से कोई यह कहे कि मैंने आज एक इन्सान हवा में उड़ते हुए देखा है तो शायद आप उस पर टूट भी पड़े लेकिन एक ऐसा शख्स जिसने यह कर दिखाया| आपको यकीन नहीं होगा लेकिन यह सौ फीसदी सच है| मिली जानकारी के मुताबिक एक शख्स ने नीले अम्बर में चिड़ियों की तरह उड़ने का सपना देखा था| कहते है कि दिल में अगर जज्बा हो तो इंसान क्या नही कर सकता।
हमे स्कूल मे यह पढ़ाया जाता है की हवाई जहाज़ का अविष्कार राइट ब्रदर्स ने ‘लियनएर्डो दा विन्सी‘ की मॉडेल से प्रेरणा ले कर किया था मगर यह नही बताया जाता की ‘लियनएर्डो दा विन्सी’ के 600 साल पहले एक मुस लिम वैज्ञानिक ने ना सिर्फ़ हवाई जहाज़ का मॉडेल बनाया बल्कि उसे खुद ने सफलतापूर्वक टेस्ट भी किया।
अपने जज्बे के दम पर ही एक शख्स ने सबसे पहले आकाश में उड़ान भरी थी और वो शख्स था “अब्बास कासिम इब्न फिर्नास”। हाँ या कोई कहानी नही है बल्कि एक सच्ची घटना है | यह है मु स्लिम वैज्ञानिक ‘अब्बास इब्न फिरनास’ जिनका जन्म 810 ई मे स्पेन मे हुआ था, जो एक इंजिनियर, अविष्कारक, विमान-चालक,चिकित्सक, अरबी कवि भी थे।
इतिहासकार फिलिप हिती की किताब अरब के इतिहास के अनुसार, आकाश में उड़ान भरने के इतिहास में पहला वैज्ञानिक प्रयास अब्बास कासिम इब्न फिरनास ने ही किया था। इस किताब में यह भी कहा गया है कि विमान के अविष्कारक विल्बर राईट और ओर्विल्ले राईट कहे जाते है, लेकिन इन दोनों से पहले ही उसने आकाश में उड़ने का प्रयास किया था | उसने यह प्रयास एक ग्लाईडर को लेकर किया था।
कहा जाता है कि फिरनास द्वारा किया गया वह प्रयास सफल रहा था | 875 ईसवीं में फिरनास 65 साल का था तब उसने यह कारनामा किया था | सबसे पहले उसने एक ग्लाईडर बनाया तत्पश्चात उसने एक पहाड़ से छलांग लगा दी।
आकाश में उड़ने का उसका यह प्रयास लगभग सफल था| उसको आकाश से नीचे उतरने का कारनामा कई लोगो ने देखा| जब वह धरती पर नीचे उतर रहा था परन्तु वह ठीक ढंग से उतर नही पाया और इससे वह घायल हो गया।
आज इस इंसान कि की गयी पहली कोशिश के कारण ही हम आकाश में उड़ पाते है और इनके सम्मान में चाँद पर पाए जाने वाले एक बड़े गड्ढे का नाम इब्न फिरनास क्रेटर रखा गया है।
अब्बास इब्न फिरनास ने 9 वी सदी मे पक्षियो के उड़ने का अध्यन किया और एक लकड़ी और रेशम के पँखो से बना एक पहनने योग्य यंत्र बनाया और म स्जिद की मीनार पर से उड़ान भारी, बाद मे उसी के एक और उन्नत मॉडेल बनाया जिसे उन्होने पहाड़ की चोटी से उड़ान भर कर आजमाया।
इतिहासकार लिखते है की देखने वालो ने बताया की यह उड़ान हर पक्षी से तेज़ थी। इब्न फिरनास के सम्मान में लीबिया सरकार ने डाक टिकट जारी किया है। चांद पर एक बड़े गड्ढे का नाम इब्न फिरनास क्रेटर रखा गया है।