शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों से संबंधित याचिका दाखिल की है. याचिका में वसीम रिज़वी ने इन 26 आयतों को कुरान से हटाने की अपील की है. साथ ही कुछ आयतों को आ,तंकवाद को बढ़ावा देने वाली बताया है. उन्होंने कहा है कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है.
वसीम रिज़वी का कहना है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हज़रत अबू बकर, दूसरे खलीफा हज़रत उमर और तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान के द्वारा कुरान को कलेक्ट करके उसको किताबी शक्ल में जारी किया गया. उन्होंने कहा कि कुरान की कुछ आयतें ऐसी हैं जो आ,तंकवाद को बढ़ावा देती हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इसमें बहुत सी अच्छी बातें भी हैं, जो इंसानियत के लिए हैं.
इसपर रिज़वी ने कहा कि अल्लाह के मैसेज दो तरह के नहीं हो सकते, रिज़वी ने तीनों खलीफाओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ताकत का इस्तेमाल किया. इसी से कुरान में तब्दीली करके इस तरह की आयतों को डाला गया और दुनिया के लिए जारी कर दिया गया. वसीम ने कहा कि वह ताकत का सहारा लेकर पूरी दुनिया में आगे बढ़े हैं. साथ ही, रिज़वी का यह भी कहना रहा कि कुछ आयतों के ज़रिए ही आतंकी सबक ले रहे हैं और उनका ज़हन कट्ट,रपंथी की तरफ बढ़ रहा है.
वसीम रिज़वी की इस पी आई एल के बाद मुस्लिम समाज में गम और गुस्सा देखा जा रहा है. मुस्लिम समाज के बड़े नेताओं ने वसीम रिज़वी की इस पी आई एल पर की सख्त निंदा और विरोध किया है. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने वसीम रिज़वी की इस विवादित याचिका पर बयान जारी करते हुए वसीम रिज़वी की विवादित याचिका का शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भरपूर विरोध किया है.