नई दिल्ली. निजामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) से जुड़े 35 विदेशी जमातियों को आज साकेत कोर्ट ने बरी कर दिया है. सभी 36 जमातियों पर कोविड (Covid 19) महामारी एक्ट के उल्लंघन का आरोप था. यह कोई पहला मौका नहीं जब इस मामले में जमाती बरी किए जा रहे हैं. इससे पहले भी सैंकड़ों जमाती जुर्माना भरने या बरी होने के बाद अपने देशों को वापिस जा चुके हैं. मार्च के दौरान ही जमातियों पर चॉर्टड प्लेन से भारत छोड़ने के आरोप लगे थे.
निजामुद्दीन मरकज़ में 67 देशों से विदेशी जमाती तबलीग में शामिल होने आए थे. दिल्ली पुलिस ने सभी विदेशी ज़मतियों से पूछताछ की थी. कोविड महामारी के दौरान भी 20 मार्च के बाद भारत में रुकने के आरोप लगे थे. दिल्ली पुलिस ने इन विदेशी जमातियों के पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेज जब्त कर लिए थे. पुलिस ने आरोप लगाया था कि ज्यादातर जमाती टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, लेकिन ये यहां आकर मजहबी गतिविधियों में लिप्त रहे, जो वीजा नियमों का उल्लंघन है. गौरतलब रहे कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने करीब एक हज़ार से ज़्यादा विदेशी जमातियों (Forrenigher Jamati) के खिलाफ कोर्ट में चॉर्जशीट दाखिल की थी.
मरकज़ में विदेशियों समेत सभी तरह के जमातियों के रुकने ने तूल पकड़ लिया था. मरकज़ पर तरह-तरह के आरोप लग रहे थे. इसी दौरान मरकज़ की ओर से कहा गया था कि 24 मार्च से लगातार मरकज़ पुलिस और प्रशासन के संपर्क में हैं. मरकज़ से लोगों को बाहर निकालने के लिए कर्फ्यू पास की मांग कर रहे थे. 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ की टीम कुछ लोगों को जांच के लिए भी ले गई थी. इससे पहले 6 लोगों को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. हालांकि इसके बाद भी हमने दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले 15 सौ लोगों को उनके घर भेज दिया था.