भारतीय युवा सीमर मोहम्मद सिराज़ (Mohammed Siraj) ने गाबा में खेले जा रहे चौथे टेस्ट के दिन बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए कंगारू बल्लेबाजों को हैरत में डालते हुए पांच विकेट चटकाए. यह सही है कि ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी दूसरी पारी में 294 रन बनाने में सफल रही और पहली पारी की बढ़त को मिलाकर भारत के सामने जीत के लिए 328 का ठीक-ठाक लक्ष्य रखने में सफल रही।
लेकिन यह भी सच है कि अगर ऑस्ट्रेलियाई और मजबूत शिकंजा नहीं कस सके, तो उसकी बड़ी वजह बने मोहम्मद सिराज और शारदूल ठाकुर (Shardul Thakur). मुख्य योगदान सिराज का रहा, जिन्होंने कंगारू मिड्ल ऑर्डर को हत्थे से उखाड़ दिया. मोहम्मद सिराज़ ने वाकई में तूफ़ानी काम किया था.
सिराज ने शुरुआत बेहतरीन फॉर्म में चल रहे लबुशेन का विकेट चटकाकर किया, जिन्हें रोहित शर्मा ने स्लिप में लपका. इसके बाद सिराज ने दो विकेट और नियमित अंतराल पर चटकाए. मैथ्यू वेड को तो सिराज ने खाता भी नहीं खोलने दिया, तो ग्रीन भी स्लिप में रोहित के हाथों लपके गए.
इसके बाद आखिर में सिराज ने मिचेल स्टॉर्क और फिर हेजलवुड के रूप में आखिरी विकेट लेकर अपने तीसरे ही टेस्ट में पंजा जड़ने के साथ ही हाल ही में किए गए पड़े त्याग को भी फलीभूत किया. आप जानते ही हैं कि दौरे की शुरुआत में सिराज के पिता का निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने वापस भारत न लौटकर ऑस्ट्रेलिया में ही रुकने का फैसला करते हुए अब अपने निर्णय को दो सौ फीसदी सही साबित किया.
ब्रिस्बेन में भारत अपने टेस्ट इतिहास के सबसे कम अनुभवी गेंदबाज़ों के साथ उतरा. आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे स्पिनर और जसप्रीत बुमराह जैसे तेज़ गेंदबाज़ चोटिल होकर टीम से बाहर थे. ऐसे में मोहम्मद सिराज अपना तीसरा, टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर पहला, शार्दुल ठाकुर और नवदीप सैनी अपना दूसरा टेस्ट मैच खेलने गाबा पर उतरे, जहाँ ऑस्ट्रेलिया 70 साल से अजेय था.
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इस सिरीज़ में दोनों टीमों के बीच इतनी शानदार क्रिकेट देखने को मिली कि हैरतअंगेज़ परिणाम के बीच पाँच महत्वपूर्ण बात ढूँढना बेहद मुश्किल है. भारत के सभी खिलाड़ियों ने अपनी जी जान लगा दी फ़िर भी बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसने टेस्ट क्रिकेट के रोमांच को बढ़ा दिया. वह भी तब जब टेस्ट मैच तीन चार दिन में समाप्त हो रहे हों.