पायल रोहतगी. अक्सर सोशल मीडिया पर अपने ट्वीट्स और बयानों के चलते कंट्रोवर्सी में रहती हैं. अपने ट्वीट्स की वजह से वो एक बार फिर मुसीबत में आ गई हैं. दरअसल, पायल ने पिछले साल स्टूडेंट एक्टिविस्ट सफूरा ज़रगर के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट्स किए थे. जिनपर कार्रवाई करते हुए मुंबई की अंधेरी स्थित मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने पायल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
एडवोकेट अली काशिफ खान देशमुख ने कोर्ट में पायल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. हालांकि, इससे पहले वो अंबोली पुलिस के पास गए थे. पायल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने. लेकिन पुलिस ने इस मामले का संज्ञान नहीं लिया. जिसके बाद मजबूरन उन्हें कोर्ट जाना पड़ा. दिसम्बर 2020 में फाइल की शिकायत में देशमुख ने लिखा कि इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पायल के करीब चार लाख तीस हज़ार फॉलोअर हैं. हालांकि, ये भी पॉइंट आउट किया कि पायल का ट्विटर अकाउंट इस समय सस्पेंडिड है. अपनी शिकायत में आगे लिखा,।
देशमुख ने आरोप लगाया था कि पायल के ट्वीट्स मुस्लिम कम्युनिटी के खिलाफ नफरत फैलाने के मकसद से किए गए थे. बता दें कि देशमुख ने एक दूसरे मौके पर ऐसी ही शिकायत कंगना रनौत के खिलाफ भी की थी. पायल के खिलाफ की गई शिकायत पर कोर्ट ने सुनवाई की. पाया कि पहली नज़र में पायल के ट्वीट मुस्लिम महिलाओं और मुस्लिम कम्युनिटी का अपमान करते हैं. साथ ही धारा 202 के तहत आदेश दिया कि पुलिस इस मामले में 30 अप्रैल, 2021 तक रिपोर्ट जमा करे. कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा,
जिन आपत्तिजनक ट्वीट्स की बात हो रही है, वो पायल ने जून 2020 में किए थे. जिस वक्त 30 साल की प्रे,ग्नेंट सफूरा कस्ट,डी मे थीं. उनपर यूपीए ऐक्ट के तहत कार्रवाई चल रही थी. हालांकि, दो महीने जेल में रहने के बाद उन्हें 23 जून को रिहा कर दिया गया था. उसी दौरान पायल ने सीरीज़ में ट्वीट किए. मुस्लिम महिलाओं का अपमान किया. कुरान को लेकर विवादास्पद बातें कही.
पायल ले ट्वीट्स में लिखा था, “क्या मेडिकल शॉप कं,डोम उपलब्ध नहीं करवा रही थी? ऊप्स, मुस्लिम महिलाओं के लिए तो कं,डोम का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है. जब वो दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं, तो क्या फ़र्क पड़ता है कि उन में से एक जेल में पैदा हो।