मौलाना तारिक जमील साहब से किसी मर्द ने पुछा की क्या हम शादी के बाद किसी गैर औरत के साथ हम बिस्तर हो सकते है ,तो मौलाना तारिक जमील ने साफ मना किया कि हमे हमारा इस्लाम इन सब की इजाजत नही देता ,बल्कि बहुत बड़ा गुनाह भी माना जाता है,यहां तक आया कि की लड़की शादी के बाद किसी गैर मर्द से अगर हम बिस्तर हो जाये ,तो वो निकाह से भी बाहर हो सकती है।
अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शादीशुदा महिला दूसरे पुरुष के साथ पति पत्नी की तरह रहती है तो इसे लिव-इन-रिलेशनशिप नहीं माना जा सकता। इलाहाबाद कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि परमादेश विधिक अधिकारों को लागू करने या संरक्षण देने के लिए जारी किया जा सकता है।
किसी अपराधी को संरक्षण देने के लिए नहीं। यदि अपराधी को संरक्षण देने का आदेश दिया तो यह अपरा,ध को संरक्षण देना होगा।दुराचार का अपराध यह आदेश न्यायाधीश एस पी केशरवानी व डॉ. वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हाथरस निवासी आशा देवी व अरविंद की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह लिव-इन-रिलेशनशिप नहीं है बल्कि दुराचार का अपराध है।
इसके लिए पुरुष अपराधी है। याचिकाकर्ता आशा देवी की शादी महेश चंद्र के साथ हुई है। दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ है, लेकिन वो अपने पति से अलग दूसरे पुरुष (अरविंद) के साथ पति-पत्नी की तरह रहती है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वह दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। उन्हें उनके परिवार वालों से सुरक्षा प्रदान की जाए।शादी के बाद मुस्लिम लड़की हो या लड़का सभी को नाजायज है गैर लड़कियों से मिलना सही नही है।