प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भांगरौला में कार्यरत महिला स्वास्थ्यकर्मी की रहस्यमयी हालात में शुक्रवार को मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि 16 तारीख को महिला को टीका लगाया गया था, उसी के चलते महिला की जान गई है। हालांकि अभी पोस्टमॉर्टम में मौत का कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। इसके लिए बिसरा जांच के लिए भेजा जाएगा। परिजनों का आरोप है कि वह वैक्सीन लगवाना नहीं चाह रही थीं, अधिकारियों की ओर से दबाव देने के बाद राजी हुई थीं। तभी से वह घबरा रहीं थीं।
उधर, किसी ने सोशल मीडिया पर एक मेसेज वायरल कर दिया, जिसमें लिखा गया था कि पड़ोस में रहने वाली आंटी की मौत वैक्सीन लगने से हो गई है। इस मेसेज ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह कहना गलत है कि वैक्सीन से उनकी मौत हुई है, इतने स्वास्थ्यकर्मियों ने टीका लगवाया, लेकिन किसी को कुछ नहीं हुआ।
लाल सिंह का आरोप है कि राजवंती को 16 जनवरी को पीएचसी भांगरौला में कोविड 19 की वैक्सीन दी गई थी, जिस कारण से उसकी मौत हुई है। दूसरी ओर मृतका के भतीजे दीपक ने बताया कि राजवंती उनकी बुआ थी। उनका घर भी उनके सामने ही है। उन्होंने बताया कि बुआ को ब्लड प्रेशर, कार्डिक, शुगर आदि जैसी कोई दिक्कत नहीं थी। 2-3 साल पहले घुटनों में दर्द होता था, इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर विटामिन की गोली लेती रहती थीं। रेगुलर चेकअप होता रहता था। लेकिन कुछ दिनों से अपने आप को फिजिकली फिट नहीं समझ रही थीं।
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव का कहना है कि वैक्सीन के कारण मौत होने की जो बात कही जा रही है वह गलत है। जिले में किसी स्वास्थ्य कर्मी की हालत वैक्सीन डोज के बाद खराब नहीं हुई है। इस तरह के मेसेजों के जरिए भ्रम फैलाना गलत है। वैक्सीन को लेकर लोग किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। गुड़गांव में हजारों स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन डोज ले चुके हैं, यहां तक कि उन्होंने भी वैक्सीन लगवाई है लेकिन कोई दिक्कत नहीं हुई। सिविल सर्जन ने बताया कि मृतका का पोस्टमॉर्टम कराया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण साफ नहीं हो सका और बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। अब बिसरा को जांच के लिए भेजा जाएगा, जिसमें कारणों का पता लग सकेगा।