उत्तराखंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने अपने ऊपर लगे धा र्मिक आधार पर टीम के चयन के आरोपों का सामना कर रहे स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी मौ लवी को नहीं बुलाया और न ही किसी को धा र्मिक ना रे लगाने से रोका। साथ ही उन्होंने बताया कि मौलवी को टीम के सदस्य इकबाल अब्दुलला ने बुलाया था। अब इस बारे में इकबाल का बयान आया है।
उन्होंने जुमे की नमा ज के लिए लवी को बुलाने की बात स्वीकार की। साथ ही उन्होंने कहा कि टीम मैनेजर की अनुमति के बाद ऐसा किया गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम जुमे की नमा ज बिना मौल वी के नहीं कर सकते हैं। इसके बारे में वसीम भाई (वसीम जाफर) से पूछा था तो उन्होंने कहा कि इस बारे में टीम मैनेजर से अनुमति लो। मैंने टीम मैनेजर नवनीत मिश्रा से पूछा तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं है इकबाल, ध र्म महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा- मैंने टीम मैनेजर की अनुमति मिलने के बाद ही लवी को बुलाया था। अगर बायो बबल ब्रेक होता है तो मैनेजर को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। वसीम जाफर के बारे में बात करते हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम का हिस्सा रहे इकबाल ने वसीम जाफर के सपॉर्ट में कहा- वसीम भाई ने टीम में कभी र्मिक चीजों को बढ़ावा नहीं दिया। मैंने उनसे बात किया वह दुखी हैं। सभी आरोप सिर्फ मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) के अधिकारियों ने जाफर पर आरोप लगाया है कि कोच ने सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी के लिए र्मिक आधार पर राज्य टीम में खिलाड़ियों को शामिल कराने की कोशिश की थी। जाफर उस समय उत्तराखंड टीम के कोच थे, लेकिन अपने ऊपर आरोप लगने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भारत के लिए 31 टेस्ट मैचों में 1944 रन बनाने वाले जाफर के मार्गदर्शन में उत्तराखंड की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी में ग्रुप चरण में पांच मैचों में से केवल एक ही मैच जीत पाई थी।