जाबिर बिन हियान जिन्हें इतिहास का पहला रसायनशास्त्री कहा जाता है उसे पश्चिमी देश में गेबर (geber) के नाम से जाना जाता है। इन्हें रसायन विज्ञान का संस्थापक माना जाता है , इनका जन्म 733 ईस्वी में तूस में हुई थी , जाबिर बिन हियान ने ही एसिड की खोज की इन्होने एक ऐसा एसिड भी बनाया जिससे सोने को भी पिघलाना मुमकिन था जाबिर बिन हियान पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पदार्थ को तीन भागों वनस्पति , पशु और , खनिज में विभाजित किया ।
इसी मुस्लिम साइंसदान ने रासायनिक यौगिकों जैसे – कार्बोनेट, आर्सेनिक, सल्फाइड की खोज की नमक के तेजाब, नाइट्रिक एसिड, शोरे के तेजाब, और फास्फोरस से जाबिर बिन हियान ने ही दुनिया को परिचित कराया। जाबिर बिन हियान ने मोम जामा और खिजाब बनाने का तरीका खोजा और यह भी बताया कि वार्निश के द्वारा लोहे को जंग से बचाया जा सकता है |
जाबिर बिन हियान ने 200 से अधिक पुस्तकें रचना में लायीं जिनमें किताब अल रहमा, किताब-उल-तज्मिया, जैबक अल शर्की, किताब-उल-म्वाजीन अल सगीर को बहुत लोकप्रियता प्राप्त है जिनका अनुवाद विभिन्न भाषाओँ में हो चुका है। पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर जा सकते है ।
दुनियाभर में मु स्लिम वैज्ञानिकों ने जो योगदान दिया उसे एक बड़ी साजिश के तहत नज़रअंदाज कर उनकी उपलब्धियों को दफन करने की कोशिश की गई. साजिश में किसी एक मुल्क को ज़िम्मेदार ठहराना बेमानी होगा लेकिन अमेरिका,रूस जर्मनी, ब्रिटेन और फ़्रांस सहित दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने मिलकर मुस्लि म वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोजों पर न सिर्फ पर्दा डाल दिया बल्कि उन वैज्ञानिकों की पहचान को भी छिपाए रखा.